नयी उमंग

"पल भर की ख़ुशी सी थी ना जाने किसकी नज़र लग गयी सजाये थे हज़ारो सपने मैने शीशे की तरह टूट से गए सब आँखो मे थी एक नयी उमंग कुछ करने की, कुछ पाने…

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